एक व्यक्ति था| उसके पास एक असली हीरा था| उसका दिमाग बड़ा ही तेज़ था| वह बड़ी सोच में था कि मुझे कुछ ऐसी तरकीब निकालनी है जिससे मैं इतना कमा लूँ कि ऐसे कई हीरे खरीद सकूं| दिमाग तो sharp था ही,एकदम एक idea click हुआ| बस फटाफट सराफे में गया और अपना असली हीरा दिखाकर मुझे एकदम हू- -बहू दिखने वाला simple कांच का टुकड़ा चाहिए, जिसे देखकर कोई भेद न जान सके कि कौनसा हीरा है और कौन सा कांच| उसकी किस्मत अच्छी थी और उसे वह मिल गया|
अब उसने अपना business start किया| वह एक राज्य में राजा के पास पहुंचा और बोला मेरे पास एक असली हीरा है और दूसरा भी एकदम वैसा ही दिखनेवाला कांच का टुकड़ा है| आपको पहिचानना है कि इसमें से कौनसा असली हीरा है और कौन सा कांच| आपके राज्य में कोई परख पाए तो हीरा राजा को भेंट कर दिया जायेगा| परन्तु यदि हार गए तो हीरे के कीमत का धन मुझे देना होगा|
इस प्रकार की शर्त वह आस पास के कई राज्यों से जीत कर आया था| अब वह जहाँ पहुंचा था ,उस दिन वहां अत्यधिक ठण्ड के कारण राजा का दरबार बाहर धूप में लगा था| महाराजा अपने सिंहासन पर बैठे थे और सामने एक शाही दीवान था जिस पर उस व्यक्ति ने अपने दोनों हीरे व कांच को रखा| राजा ने तो पहले ही हार मान ली कि दोनों ही एक जैसे लग रहे हैं वहां बड़े –बड़े ज्ञानी ,मंत्री आदि सब थे पर कोई शर्त के लिए तैयार न हुआ |
उसी समय एक व्त्यक्ति आया जो एकदम पीछे था वह लाठी टेकते हुए आगे आया और कहने लगा भले ही मैं अंधा हूँ फिर भी मैं चाहता हूँ कि मुझे परखने का एक मौका दिया जाए| अगर मैं पहिचान पाया तो बहुत ही अच्छी बात होगी परन्तु यदि न भी कर पाऊँ तो भी क्या? वैसे भी आपकी गिनती तो हारे में ही काउंट होगी न !
राजा ने सोचा ठीक है ये कोशिश कर ले इसे मौका देने में कोई हानि न होगी
अंधे आदमी ने दोनों चीज़ों को छूकर देखा और बोला –ये हीरा है! वह आदमी हैरान हो गया बोला एकदम सही पहिचाना ,परन्तु कैसे पहिचाना आपने ? वो भी दो-दो नेत्र वाले जिसे न पहिचान सके आपने कैसे स्पर्श मात्र से पहिचान लिया? जो आदमी इतने राज्यों से जीतकर आ रहा था वह बड़ा ही confident था कि इसे कोई भी पहिचान न पायेगा| वह उस अंधे व्यक्ति के आगे नत मस्तक हो गया और बोला शर्त के मुताबिक़ यह हीरा राजा के खज़ाने में जायेगा | राज महल में खुशियाँ छा गयीं क्यों कि किसी भी राज्य में कोई अब तक जो पहिचान न पाया था वो इस नेत्र हीन व्यक्ति ने पहिचान लिया | उसकी और राजा की जय-जय कार होने लगी |
अब अंत में सबके पूछने पर राज़ की बात उसने ये बतायी कि हम सब धूप में बैठे हैं मैंने दोनों को छूकर देखा जो ठंडा था वह हीरा ,जो गरम हो गया वह कांच|
हम अगर अपने रोज़मर्रा के जीवन में भी देखें तो यही देखने को मिलता है| जो छोटी छोटी बातों पर गर्म हो जाये किसी से भी उलझ जाये वह सस्ता कांच ही है |
जो विषम परिस्थिति में भी अपने आप को शांत व ठंडा रख सके वह हीरा है |
अक्सर हम सुनते ही हैं जो व्यक्ति गुणों की खान हो उसकी सब तारीफ़ करते हैं और कहते हैं —अरे! वो तो हीरा है!
हमें भी अपने जीवन पथ, उन्नति के पथ पर अग्रसर होने के लिए BE COOL वाला formula अपनाना होगा |