एक दिन सुबह मेरी सहेली का phone call था| मुझसे पूछ रहीं थीं की आज थोडा सा time निकाल पाएंगी क्या? मैंने कहा हाँ बोलिए! कहाँ चलना है ? बोलीं driving licensee renew करवाने जाना है |मैंने कहा ok. हम office पहुंचे| वहाँ as usual भीड़ बहुत थी| दो windows थे| मुझे तो सिर्फ मेरी friend को company ही देना था| मैं खड़े –खड़े दोनों clerks को उनके (व्यवहार) behavior को देख रही थी| एक का व्यवहार बहुत ही बढ़िया था,मधुर भाषी था और जैसे ही lunch-time हुआ तो बोला कि बस अभी lunch finish करके आता हूँ और आप लोगों का काम भी हो जायेगा|
दूसरी ओर दूसरा clerk जो लोगों से बड़ा ही चिडचिडा व्यवहार कर रहा था मानो वह अपनी duty नहीं दूसरों पर कोई उपकार कर रहा हो|बड़ी ही रूखी आवाज़ में चिल्ला कर बोला क्या आपके काम के पीछे lunch भी न लूं?
जब यह lunch table पर बैठा तो उसके rude behavior के कारण ही हो सकता है कोई भी साथ में न था वह अकेला ही lunch ले रहा था| एक व्यक्ति जाकर इसके पास बैठ गयाजो हमारा परिचित ही था, और अपना lunchbox खोल लिया बोला लीजिये भाई साहब सब्जी share करें| धीरे –धीरे अच्छे से उनसे बातें करने लगा| बोला- आप बडे ही किस्मत वाले हैं, देखिये न कैसे बड़े बड़े लोग आपके पास आते है | आप अपनी कुर्सी की इज्जत करते हैं? मुझे लगता है कि आप अपने पद को मान नहीं दे रहे हैं| उसने तपाक से पूछा कि आपने ऐसे कैसे कह दिया? तभी तो ऐसे अकेले बैठे हैं! कोई संगी साथी नहीं है| इतना रूखा व्यवहार जो है कोई क्यों साथ देगा? सम्मान, एक हाथ दो और दूसरे हाथ लो| ये सब बातें ऐसी थीं कि जैसे किसी ने उसकी दुखती नस पे हाथ रख दिया हो,बेचारे की आँखें भर आयीं | बात बदलते हुए इस व्यक्ति ने उसके डिब्बे से सब्ज़ी ली, खाकर बोला कि वाह क्या स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं आपकी पत्नी|
वह बोल पड़ा sir आपने एकदम सही पहचाना| मेरे इस रूखे व्यवहार के कारण मेरी पत्नी अपने मायके चली गई| न मेरी माँ, न बच्चे कोई भी मेरे अपने नहीं हैं| मेरी माँ तो सुबह सिर्फ लंच बनाकर देदेती है, अति आवश्यक बात हो तो ही करती है|
उस व्यक्ति ने समझाया कि सिर्फ तुम्हें अपना व्यवहार बदलना है सबके दिल जीतने हैं, बस फिर देखो कैसे सब तुम्हारे अपने हो जायेंगे| तुम्हारे ऑफिस के लोग और तुमसे मिलनेवाला हरेक व्यक्ति बहुत खुश होगा| इस सलाह के साथ-साथ Mob.No लेकर वह अपनी seat पर जाकर काम में लग गया|
कुछ समय बीता उस clerk का कॉल आया |सर मैं आप से फलां दफ्तर में मिला था| आपकी सलाह मैंने मानी और आज बहत खुश हूँ आपको धन्यवाद देने के लिए कॉल किया| आपके इस एहसान का बदला मैं कभी भी न चुका पाऊंगा ऐसा कहा|